भारत का महान्यायवादी ( Attorney General of India )

 भारत का महान्यायवादी ( Attorney General of India )

इस ब्लॉग में भारत का संविधान ( Constitution of India ) से संबन्धित भारत का महान्यायवादी ( Attorney General )  से सम्बंधित  महत्तवपूर्ण  जानकारी  प्रस्तुत  की गयी है, जो संघ लोक सेवा आयोग , राज्य लोक सेवा आयोग , RO/ARO, UGC-NET, PGT, TGT, CLAT,  PET, KVS , NAVODAY , BEO, SSC, RAILWAY, CTET, TET, UPSSSC, पुलिस, शिक्षक भर्ती परीक्षा आदि सभी प्रतियोगी परिक्षाओ के लिये बहुद ही उपयोगी , ज्ञानवर्धन एवं लाभदायक है । 

भारत का महान्यायवादी ( Attorney General )

संविधान के भाग 5 में एवं अनुच्छेद 76 महान्यायवादी ( Attorney General ) के बारे में प्रावधान किया गया है . महान्यायवादी से सम्बन्धित प्रावधान ब्रिटेन के संविधान से लिया गया है . महान्यायवादी भारत सरकार का सर्वोच्च या प्रथम विधि अधिकारी है होता है .

महान्यायवादी की नियुक्ति 

संविधान के अनुच्छेद 76 ( 1 ) के अनुसार भारत के महान्यायवादी की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है . राष्ट्रपति महान्यायवादी की नियुक्ति मंत्रिमंडल की सलाह पर करता है . 

महान्यायवादी की योग्यता - 

राष्ट्रपति द्वारा उसी व्यक्ति को महान्यायवादी के पद पर नियुक्त किया जा सकता है, जो सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश बनने की योग्यता रखता हो अर्ताथ भारत का महान्यायवादी बनने के लिए सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश बनने की योग्यता होना अनिवार्य है .

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महान्यायवादी की पदावधि - 

भारत का महान्यायवादी तब तक अपने पद पर बना रहता है, जब तक राष्ट्रपति चाहता है . अर्ताथ महान्यायवादी राष्ट्रपति के प्रसाद प्रयन्त अपना पद धारण करता है . इसका कोई निश्चित कार्यकाल नहीं होता है . महान्यायवादी को किसी भी समय राष्ट्रपति द्वारा हटाया जा सकता है . उसे हटाने के लिए संविधान में कोई भी प्रक्रिया या आधार का उल्लेख नहीं है . 

महान्यायवादी का वेतन - 

महान्यायवादी के वेतन को निर्धारित करने की शाक्ति राष्ट्रपति में निहित है . महान्यायवादी का वेतन उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशो के वेतन के बराबर होता  है, जो वर्तमान समय में 2,50,000 रूपये प्रतिमाह है .

महान्यायवादी के कार्य एवं अधिकार -

महान्यायवादी भारत सरकार का सर्वोच्च या प्रथम विधि अधिकारी होता है और इस रूप में वह निम्नलिखित कार्य करता है -

1. भारत सरकार को विधि सम्बन्धी ऐसे विषयो पर सलाह देना और विधिक स्वरूप के ऐसे अन्य कर्त्तव्यों का पालन करना, जो राष्ट्रपति समय समय पर उसको निर्देशित करें या सौंपे . 

2. उन कर्त्तव्यों का निर्वाहन करना, जो संविधान द्वारा या तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि द्वारा या उसके अधीन उसे प्रदान किया गया हो . 

3. महान्यायवादी को यह अधिकार प्राप्त होता है कि वह संसद के किसी भी सदन में, संसद की संयुक्त बैठक में और संसद की किसी समिति, जिसमे उसका नाम दिया गया हो, उपस्थित हो सकता है, भाषण दे सकता है और कार्यवाही में भाग ले  सकता है ( अनुच्छेद 88 )  लेकिन उसे मत देने का अधिकार नहीं होता है . ऐसे समय में एक सदस्य के समस्त विशेषाधिकार उसे प्राप्त होते है .

4. महान्यायवादी को अपने कर्त्तव्य के  पालन में भारत के किसी भी क्किषेत्सीर में तथा किसी भी न्यायालय में उपस्थित होने एवं पैरवी करने का अधिकार प्राप्त होता है .  

5. उच्चतम न्यायलय में भारत सरकार का प्रतिनिधित्व करना एवं सरकार की ओर से  पेश होने का अधिकार महान्यायवादी को प्राप्त होता है . 

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महान्यायवादी पर निर्बन्धन -

महान्यायवादी पर कुछ सीमाएँ भी निर्धारित की गयी है, जो इस प्रकार है -

1. वह भारत सरकार की अनुमति के बिना किसी भी आपराधिक मामलों में किसी भी व्यक्ति का बचाव नहीं कर सकता है . 

2. वह भारत सरकार के विरुद्ध कोई सलाह नहीं दे सकता है . 

3. वह सरकार की अनुमति के बिना किसी कम्पनी के निदेशक का पद ग्रहण नहीं कर सकता है .

नोट : - महान्यायवादी को निजी क़ानूनी अभ्यास ( Practice ) से वंचित नहीं किया जाता है क्योंकि वह सरकारी कर्मचारी नहीं होता है . 

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महान्यायवादी की सूची ( List of Attorney General ) 

इस लेख में भारत के अब तक के सभी महान्यायवादी ( Attorney General ) के नाम दियें जा रहे है -

महान्यायवादी ( Attorney General )     कार्यकाल 

1. एम्.सी. सीतलवाड़       28 जनवरी 1950 - 1 मार्च 1963

2. सी. के. दफ्तरी             2 मार्च 1963 - 30 अक्टूबर 1968

3. निरेन डे                       1 नवम्बर 1968 - 31 मार्च 1977

4. एम्. वी. गुप्ते                1 अप्रैल 1977 - 8 अगस्त 1979

5. एल. एन. सिन्हा             9 अगस्त 1979 - 8 अगस्त 1983

6. के. परासरण                 9 अगस्त 1983 - 8 दिसम्बर 1989

7. सोली सोराबजी             9 दिसम्बर 1989 - 2 दिसम्बर 1990

8. जी. रामास्वामी              3 दिसम्बर 1990 - 23 नवम्बर 1992

9. मिलन के. बनर्जी           21 नवम्बर 1992 - 8 जुलाई 1996 

10. अशोक देसाई             9. जुलाई 1996 - 6 अप्रैल 1998 

11. सोली सोराबजी           7 अप्रैल 1998 - 4 जून 2004 

12. मिलन के. बनर्जी         5 जून 2004 - 7 जून 2009 

13. गुलाम इ. वाहनवती     8 जून 2009 - 11 जून 2014

14. मुकुल रोहतगी            12 जून 2014 - 30 जून 2017

15. के. के. वेणुगोपाल        30 जून 2017 - 2022

16. मुकुल  रोहतगी            1 अक्टूबर 2022 - अब तक 

नोट :- एम्.सी. सीतलवाड़ सबसे लम्बा कार्यकाल वाले महान्यायवादी (Attorney General) थे, जबकि सोली सोराबजी  सबसे छोटा कार्यकाल वाले  महान्यायवादी (Attorney General) रहे . 

वर्तमान महान्यायवादी  मुकुल रोहतगी देश के कार्यकालमें  16वें महान्यायवादी (Attorney General) है . जबकि यह पद सँभालने वाले 14वें व्यक्ति है .

भारत के संविधान में महान्यायवादी ( Attorney General ) पद का प्रावधान ब्रिटेन के संविधान से लिया गया है किन्तु भारत के  महान्यायवादी  और ब्रिटेन के महान्यायवादी में एक बड़ा अंतर यह है कि ब्रिटेन में वहां का विधि ( कानून )  मंत्री ही महान्यायवादी होता है जबकि भारत में विधि मंत्री एवं महान्यायवादी दोनों स्वतन्त्र पद है अर्ताथ दोनों अलग अलग पद है, जो अलग-अलग व्यक्ति धारण करते है . 

राज्य सरकार के सर्वोच्च विधि अधिकारी को महाधिवक्ता ( Advocate General ) कहा जाता है . जिसका उल्लेख संविधान के अनुच्छेद 165 में किया गया है . 

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