धुँआरे ( Fumaroles )
धुँआरे ( Fumaroles )
ऐसे छिद्र जिसके सहारे गैस तथा जलवाष्प निकला करती है, उन्हें धुँआरे ( Fumaroles ) कहा जाता है I इनका सीधा सम्बन्ध ज्वालामुखी क्रिया से होता है I वास्तव में धुँआरे ( Fumaroles ) ज्वालामुखी क्रिया के अंतिम लक्षण माने जाते हैI
धुँआरे ( Fumaroles ) का शाब्दिक अर्थ
धुँआरे ( Fumaroles ), लैटिन भाषा के फूमस ( Fumus ) का अर्थ धुँआ होता है और Fumaroles उसी से उत्पन्न हुआ है I
धुँआरे ( Fumaroles ) से निस्सृत पदार्थ
धुँआरे ( Fumaroles ) से निकलने वाले वाष्प का तापमान बहुत अधिक होता है I इनसे निकलने वाले गैस तथा जलवाष्प का तापमान 645 डिग्री सेल्सियस तक होता है I धुँआरे ( Fumaroles ) से निकलने वाले पदार्थो में जलवाष्प की मात्रा 98-99 % तक होती है I धुँआरे ( Fumarनिकलने वाली गैसों में कार्बन डाई ऑक्साइड, नाइट्रोजन, ऑक्सीजन, अमोनिया, हाइड्रोजन सल्फाइड एवं हाइड्रोजन क्लोराइड मुख्य गैसे है I इसके आलावा एक महत्तवपूर्ण खनिज गन्धक भी पाया जाता है I
ऐसे धुँआरे ( Fumaroles ) जिनसे बहुत अधिक मात्रा में गन्धक निकलता है, उन्हें सोल्फ़तारा कहा जाता है I इटली के नेपल्स नगर का सोल्फतारा विश्व प्रसिद्ध है I
विश्व के प्रमुख धुँआरे ( Fumaroles )
संयुक्त राज्य अमेरिका के अलास्का में स्थित दस हजार धुँआरो की घाटी ( The Valley of Ten Thousand Smokes ), न्यूजीलैंड की प्लेंटी की खाड़ी में स्थित ह्वाइट टापू का धुँआरे तथा ईरान का कोह सुल्तान का धुँआरे विश्व के कुछ प्रसिद्ध धुँआरे ( Fumaroles ) है I
धुँआरो ( Fumaroles ) का आर्थिक प्रयोग
धुँआरे ( Fumaroles ) आर्थिक दृष्टि से बहुत उपयोगी होते है I इनसे गंधक ( सल्फर ) एवं बोरिक एसिड प्राप्त होता है I गर्म वाष्प एवं गैसों को एकत्रित कर अमेरिका एवं इटली जैसे देशो में बिजली उत्पन्न की जाती है I
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