आर्टीजियन कूप (Artisian Wells)

आर्टीजियन कूप (Artisian Wells) 

आर्टीजियन कूप (Artisian Wells) (पातालतोड़ कुएं) ऐसे प्राकृतिक जलस्रोत होते है जो धरातल से स्वत: ऊपर प्रकट होते है और सतह पर जल निकलता रहता है . आर्टीजियन कूप (Artisian Wells)  में मनुष्य को पहले धरातलीय सतह पर कुआँ खोदना पड़ता है और बाद में जल स्वत: निकलता रहता है . आर्टीजियन (Artisian) शब्द उत्तरी फ़्रांस के Artois जिले के नाम से लिया गया है . जहाँ पर ऐसे कुएं बनाये गये है . 



आर्टीजियन कूप (Artisian Wells) के निर्माण के लिए आवश्यक दशाएँ 

आर्टीजियन कूप (Artisian Wells) प्राय: दो तरह की संरचना में मिलते है -

1. अभिनति या बेसिननुमा संरचना या उल्टी गुम्बदीय संरचना 

2. एकदिगन्त संरचना (homoclinal formation) 

आर्टीजियन कूप (Artisian Wells) का जल जिस स्तर या मंडल से ऊपर निकलता है, उसे जलभरा (aquifer) कहते है  . इस तरह जल भरा के ऊपर तथा नीचे अप्रवेश्य शैलस्तर (impervious rock-bed) (अकवीक्लूड) होना चाहिए ताकि ऊपरी अभेद्य सतह जलभरे के जल को वाष्पीकरण से बचा सके तथा निचली अभेद्य सतह जल के नीचे की ओर रिसाव (percolation) को रोक सके . जलभरे की संरचना ऐसी होनी चाहिए कि उसमे जल आसानी से जज्ब हो सके . जलभरे का केन्द्रीय भाग नीचे की ओर मुड़ा होना चाहिए ताकि वर्षा का जल आसानी से जलभरा में आ सके .

आर्टीजियन कूप (Artisian Wells) का प्रकट होना -

जहाँ पर जलभरा (aquifer) सतह पर खुलता है उसे अपवाह क्षेत्र (catchment area) कहा जाता है .  

ऑस्ट्रेलिया में विश्व का सबसे बड़ा आर्टीजियन बेसिन पाया जाता है .ऑस्ट्रेलिया में कारपेम्थिया का मैदान, क्वींसलैंड, न्युसाऊथवेल्स और दक्षिणी ऑस्ट्रलिया में आर्टीजियन कूप पाये जाते है .

संयुक्त राज्य अमेरिका के डकोटा में, भारत में तराई क्षेत्र और गुजरात में, फ़्रांस और लीबिया में भी ये पाये जाते है .  


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धन्यवाद .

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