भारत का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ( Comptroller and Auditor General of India )
भारत का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ( Comptroller and Auditor General of India )
भारत का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ( CAG ) भारत सरकार में एक महत्तवपूर्ण पद है, जो संघ एव राज्यों के सभी वित्तीय प्रणाली का नियंत्रण करता है . भारतीय संविधान के भाग 5 में अनुच्छेद 148 से 151 में इसका विशद विवेचन किया गया है . यह भारत की संपरीक्षा और लेखा प्रणालियों का निष्पक्ष प्रधान होता है . यह भारत सरकार का सर्वोच्च लेखा अधिकारी होता है . इसकी निष्पक्षता को सुनिश्चित करने के लिए संविधान में निम्नलिखित प्रावधान किये गये है -
1. इसे संसद के दोनों सदनों के समावेदन पर साबित कदाचार अथवा असमर्थता के आधार पर पर ही पद से हटाया जायेगा .
2. इसकी सेवा शर्तो का निर्धारण संसद द्वारा किया जायेगा .
3. सेवा निवृत्ति के पश्चात् नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ( CAG ) भारत सरकार के अधीन कोई भी लाभ का पद धारण नहीं कर सकता है .
नियुक्ति -
नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ( CAG ) की नियुक्ति केन्द्रीय मन्त्रिमंडल की सलाह पर राष्ट्रपति द्वारा की जाती है . तथा यह अपना पद ग्रहण करने के पूर्व राष्ट्रपति या उनके द्वारा नियुक्त किसी व्यक्ति के समक्ष पद और गोपनीयता की शपथ लेता है .
पदावधि एवं सेवा की अन्य शर्ते
संविधान में स्पष्ट प्रावधान किया गया है कि नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ( CAG ) की पदावधि एवं सेवा शर्तो का निर्धारण संसद द्वारा किया जायेगा . इस अधिकार का प्रयोग करते हुए संसद ने 1953 में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ( सेवा की शर्ते ) अधिनियम 1953 पारित किया गया है, जिसमे 1976 में संशोधन करके निम्नलिखित प्रावधान किये गये है -
1. नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक को उसके पद ग्रहण करने की तिथि से 6 वर्ष की अवधि के लिए नियुक्त किया जायेगा लेकिन वह
(A) यदि अपनी पदावधि को पूरा करने के पहले ही 65 वर्ष की आयु पूरी कर लेता है, तो वह पदमुक्त हो जायेगा .
अर्थात नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ( CAG ) का कार्यकाल 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु जो भी पहले हो, तक होता है .
(ख) वह किसी भी समय राष्ट्रपति को अपना त्यागपत्र देकर पदमुक्त हो सकता है .
(ग) वह महाभियोग द्वारा अपने पद से हटाया जा सकता है . नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG ) को उसके पद से उसी आधार एवं रीति से हटाया जा सकता है, जिस आधार एवं रीति से उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशो को हटाया जाता है .
(घ) इसे संसद के दोनों सदनों के समावेदन पर साबित कदाचार अथवा असमर्थता के आधार पर पर ही पद से हटाया जायेगा .
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वेतन -
नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ( CAG ) का वेतन उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशो के वेतन के समान होता है, जो भारत की संचित निधि पर भारित होता है . वर्तमान समय में इनका वेतन 2,50,000 रूपये प्रतिमाह है .
नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ( CAG ) के कार्य एवं शक्तियां
नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG ) के कार्य एवं शक्तियां निम्न प्रकार है -
1. वह भारत सरकार, सभी राज्यों एवं केन्द्र ( संघ ) शासित प्रदेशो की संचित निधि से किये जाने वाले व्यय की संपरीक्षा करेगा तथा इस सम्बन्ध में यह प्रतिवेदन देगा कि क्या कोई ऐसा व्यय विधि के अनुसार नहीं किया गया है . इसी लिए इसे भारत की संचित निधि का संरक्षक भी कहा जाता है .
2. वह संघ तथा राज्यों की आकस्मिक निधि तथा सार्वजनिक लेखाओं के लिए किये जाने वाले सभी व्यय की संपरीक्षा करेगा तथा उन पर प्रतिवेदन करेगा .
3. यह संघ या राज्य के विभिन्न विभागों द्वारा किये गये सभी व्यापर तथा विनिमय के लाभ तथा हानि लेखाओं की संपरीक्षा करेगा तथा उन पर प्रतिवेदन देगा .
4. नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ( CAG ) संघ और प्रत्येक राज्य की आय और व्यय की संपरीक्षा करेगा, जिससे उसको यह समाधान हो जाये कि राजस्व के निर्धारण, संग्रहण तथा समुचित आवंटन हेतु पर्याप्त जाँच करने के लिए उचित प्रक्रिया तथा नियम का निर्माण करेगा .
5. नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ( CAG ) संघ और राज्य के राजस्वो से वित्तपोषित सभी निकायों, सरकारी कम्पनियोंऔर अन्य निगम और निकायों की संपरीक्षा करेगा और उस पर प्रतिवेदन देगा .
प्रतिवेदन - भारत का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ( CAG ) प्रतिवर्ष अपनी संपरीक्षा प्रतिवेदन राष्ट्रपति के माध्यम से संसद को प्रस्तुत करता है . संसद इस प्रतिवेदन की जाँच लोक लेखा समिति से करवाती है, जिसका अध्यक्ष विपक्ष का नेता होता है .
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किसी राज्य के लेखा सम्बन्धी प्रतिवेदन नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ( CAG ) द्वारा राज्यपाल को प्रस्तुत किये जाते है, जो उसे राज्य विधान सभा के समक्ष रखवाता है .
अभी तक के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ( CAG )
भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ( CAG ) की सूची
नाम कार्यकाल
1. वी. नरहरि राव 1948 - 1954
2. ए. के. चन्द 1954 - 1960
3. ए. के. राय 1960 - 1966
4. एस. रंगनाथन 1966 - 1972
5. ए. बक्षी 1972 - 1978
6. ज्ञान प्रकाश 1978 - 1984
7. टी. एन. चतुवेदी 1984 - 1990
8. सी. एस. सोमैया 1990 - 1996
9. वी. के. शुंगलू 1996 - 2002
10. वी. एन. कौल 2002 - 2008
11. विनोद राय 2008 - 2013
12. शशिकान्त शर्मा 2013 - 2017
13. राजीव महर्षि 2017 - 2020
14. गिरीशचंद्र मुर्मू 2020 - से पदस्थ
देश के पहले नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ( CAG ) वी. नरहरि राव थे .
देश के वर्तमान नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ( CAG ) गिरीशचंद्र मुर्मू है, जो 14 क्रम के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ( CAG ) है .
नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ( CAG ) को सार्वजनिक धन एवं राष्ट्रीय निधि का संरक्षक कहा जाता है .
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